नमस्कार दोस्तों आज के इस ब्लॉग में हम जानने वाले है Bulish Engulfing Candlestick Pattern के बारे में की बुलिश एंगुलफ़ींग कैंडल क्या होता है और इस कैंडल पर ट्रैड कैसे ले | और भी बहुत कुछ हम इस ब्लॉग पोस्ट में जानेंगे इसीलिए बने रहिए हमारे ब्लॉग पर
Engulfing Candlestick Pattern क्या होता है ?
एंगुलफ़ींग कैंडलस्टिक पैटर्न(Engulfing Candlestick Pattern) डबल कैंडलस्टिक पैटर्न का ही एक प्रकार है क्योकि यह दो कैंडल से मिलकर बना होता है | एंगुलफ़ींग कैंडलस्टिक पैटर्न के दो प्रकार होते है बुलिश एंगुलफ़ींग कैंडलस्टिक पैटर्न और बेयरिश कैंडलस्टिक पैटर्न | एंगुलफ़ींग कैंडल की पहली कैंडल छोटी होती है और दूसरी कैंडल बड़ी होती है | दूसरी कैंडल पहली को अपने अंदर समा सकती है इतनी बड़ी होती है | एंगुलफ़ींग कैंडलस्टिक पैटर्न एक रिवर्सल कैंडलस्टिक पैटर्न है जो मार्केट का ट्रैंड रिवर्स करने की शक्ति रखता है |
Engulfing Candlestick Pattern के प्रकार |
एंगुलफ़ींग कैंडलस्टिक पैटर्न दो प्रकार के होते है आज के इस ब्लॉग में बुलिस एंगुलफ़ींग कैंडलस्टिक पैटर्न के बारे में विस्तार पूर्वक समझेंगे |
1) बुलिश एंगुलफ़ींग कैंडलस्टिक पैटर्न (Bulish Engulfing Candlestick Pattern)
2) बेयरिश एंगुलफ़ींग कैंडलस्टिक पैटर्न (Bearish Engulfing Candlestick Patten)
Bearish engulfing candlestick pattern
Bullish Engulfing Candlestick Pattern का अर्थ क्या है ?
किसी स्टॉक , इंडेक्स या करेंसी के चार्ट पर अगर कोई ऐसी कैंडल बनती दिखाई देती है जिसकी पहले कैंडल छोटी और लाल रंग की हो और दूसरी कैंडल बड़ी हो हरे रंग की । हरी कैंडल लाल वाली कैंडल को अपने अंदर समा सके इतनी बड़ी हो । तो इस कैंडलेस्टिक पेटर्न को Bulish Engulfing Candlestick Pattern कहते हैं।
बुलिश एंगुलफ़ींग कैंडलस्टिक पैटर्न डबल कैंडलेस्टिक पेटर्न का ही एक प्रकार है क्योंकि यह दो कैंडल से मिलकर बना होता है। Bulish Engulfing Candlestick Pattern मार्केट में तेजी का संकेत देता है यह कैंडल चार्ट के डाउन ट्रेड के बाटम पर या सपोर्ट लेवल के आस-पास इस कैंडल का निर्माण होता है । जिससे मार्केट में एक अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिलती है ।
Bullish Engulfing Candlestick Pattern का उदाहरण
एक उदाहरण से समझते है बुलिश एंगुलफ़ींग कैंडलस्टिक पैटर्न को |
• इस उदहारण में हमने डेली टाइम फ्रेम लिया है जिसमे आप देख सकते है की मार्केट डाउन-ट्रैंड में चल रहा था तभी डाउन-ट्रैंड के बॉटम पे बुलिश एंगुलफ़ींग कैंडलस्टिक पैटर्न का निर्माण होता है | जिससे मार्केट का ट्रैंड रिवर्स हो जाता है मार्केट डाउन-ट्रैंड से उप-ट्रैंड में चला जाता है |
• इस फोटो में देख सकते है की जो बेयरिश कैंडल है वह कितनी छोटी है और जो बुलिश कैंडल कितनी बड़ी बनी है बुलिश कैंडल ,बेयरिश कैंडल को अपने अंदर पूरा समा सकता है |
• मार्केट में बुलिश एंगुलफ़ींग कैंडलस्टिक पैटर्न के निर्माण होने के बाद मार्केट कितना ज्यादा ऊपर गया | यह कैंडलस्टिक पैटर्न मार्केट में आपको आसानी से देखने को मिल जाएगा
Bulish Engulfing Candlestick Pattern के प्रकार |
बुलिश एंगुलफ़ींग कैंडलस्टिक पैटर्न आपको चार्ट पे बहुत तरह से बने हुए दिखेंगे इस फोटो को देखके आपको समझ आ जाएगा की बुलिश एंगुलफ़ींग कैंडल चार्ट पे किस-किस तरह बनते दिखाई दे सकते है |
Bullish Engulfing Candlestick Pattern मार्केट में बनने के पीछे का मनोविज्ञान |
हर नए ट्रेडर के दिमाग में यह तो सवाल जरूर आता होगा की बुलिश एंगुलफ़ींग कैंडलस्टिक पैटर्न के बनने के पीछे का मनोविज्ञान क्या है तो जब किसी कम्पनी के स्टॉक का प्राइस मंदी में चला जाता है जिससे उस स्टॉक का प्राइस लगातार गिरता चला जाता है प्राइस गिरते-गिरते डाउन-ट्रैंड के बॉटम पे या एक सपोर्ट लेवल के आस-पास आ जाता है इस जगह मार्केट में एक लाल कैंडल का निर्माण होता है जिससे सेलर्स को लगता है की मार्केट अभी और नीचे जाएगा |
मार्केट में बायर्स और निवेशक(Invester) होते है जो मार्केट में इंतजार कर रहे होते है की कम्पनी की कोई अच्छी खबर का और एक अच्छे से सपोर्ट लेवल का जैसे ही उस स्टॉक पे कोई अच्छी खबर आ जाता है या प्राइस एक अच्छे लेवल के आस पास आ जाता है तो बायर्स और निवेशक उस स्टॉक के शेयर की बहुत अधिक मात्रा में खरीदने लगते है जिससे मार्केट में बड़ी सी हरी कैंडल का निर्माण होता है जो उस स्टॉक के शेयर प्राइस में आने वाली तेजी का संकेत देता है | हरी कैंडल के बनने के बाद उस स्टॉक के शेयर प्राइस में बहुत ज्यादा बढ़ोत्तरी देखने को मिलती है | यही है बुलिश एंगुलफ़ींग कैंडलस्टिक पैटर्न के पीछे का मनोविज्ञान |
Bullish Engulfing Candlestick Pattern पर ट्रैड कब ले
बुलिश एंगुलफ़ींग कैंडलस्टिक पैटर्न पे ट्रेड लेने के लिए कुछ बातो को ध्यान में रखना होगा |
•बुलिश एंगुलफ़ींग कैंडलस्टिक पैटर्न डाउन-ट्रैंड के बॉटम पे बना हो या किसी सपोर्ट लेवल के पास बना होना चाहिए तभी बुलिश एंगुलफ़ींग कैंडलस्टिक काम करता है |
•बुलिश एंगुलफ़ींग कैंडलस्टिक पैटर्न की बेयरिश कैंडल बुलिश कैंडल को ब्रेक नहीं करनी चाहिए | बेयरिश कैंडल वह बुलिश कैंडल के अंदर समा जानी चाहिए इतनी छोटी बेयरिश कैंडल होनी चाहिए |
•बुलिश एंगुलफ़ींग कैंडलस्टिक पैटर्न बनने के बाद कन्फोर्मेशन कैंडल बनने का जरूर इंतजार करना है जैसे ही कन्फोर्मशन कैंडल बुलिश एंगुलफ़ींग कैंडल की हाई(high) छाया(shadow) को ब्रेक करती है तभी मार्केट में ट्रेड लेना है |
Entry
बुलिश एंगुलफ़ींग कैंडलस्टिक पैटर्न पे एंट्री तब करनी है जब बुलिश एंगुलफ़ींग कैंडल की अगली कैंडल बुलिश एंगुलफ़ींग कैंडल के हाई(high) छाया को ब्रेक करे तभी मार्केट में एंट्री बनानी है |
Target
बुलिश एंगुलफ़ींग कैंडलस्टिक पैटर्न पे आपको आराम से 1*2 या 1 *3 का टारगेट मिलेगा या इससे भी ज्यादा मिल सकता है बस मार्केट में बने रहना है धैर्य से काम लेना है | अगर मार्केट किसी रेजिस्टेंस लेवल के आस-पास आ जाए तो प्रॉफिट बुक करना शुरू कर देना है |
Stop-loss
बुलिश एंगुलफ़ींग पे एंट्री करने के बाद स्टॉप-लॉस कहां लगाएं बुलिश एंगुलफ़ींग कैंडल के लौ(Low) छाया(shadow) का स्टॉप-लॉस लगाऐंगे |Bullish Engulfing and Bearish Engulfing Candlestick Pattern के बीच अंतर
"बुलिश एंगलफिंग" और "बेयरिश एंगलफिंग" कैंडलस्टिक पैटर्न्स तकनीकी विश्लेषण के महत्वपूर्ण हिस्से हैं, जो बाजार के संभावित ट्रेंड रिवर्सल को संकेतित करते हैं।
"बेयरिश एंगलफिंग" एक रिवर्सल पैटर्न है जो एक अपट्रेंड के दौरान बनता है। इसमें भी दो कैंडल्स होती हैं: पहली कैंडल बड़ी और हरी (बुलिश) होती है, जबकि दूसरी कैंडल छोटी और लाल (बेयरिश) होती है, जो पूरी तरह से पहली कैंडल की बॉडी को ढक लेती है। यह पैटर्न दिखाता है कि खरीदारी का दबाव कम हो रहा है और एक संभावित गिरावट की संभावना हो सकती है।
"बुलिश एंगलफिंग" एक रिवर्सल पैटर्न है जो एक डाउनट्रेंड के दौरान बनता है। इसमें दो कैंडल्स शामिल होती हैं: पहली कैंडल छोटी और लाल (बेयरिश) होती है, जबकि दूसरी कैंडल बड़ी और हरी (बुलिश) होती है, जो पूरी तरह से पहली कैंडल की बॉडी को ढक लेती है। यह पैटर्न दर्शाता है कि बिकवाली की दबाव में कमी आ रही है और संभावित रूप से बाजार में तेजी शुरू हो सकती है।
इन पैटर्न्स को समझकर और उनके संकेतों पर ध्यान देकर निवेशक बेहतर ट्रेडिंग निर्णय ले सकते हैं, जिससे वे बाजार के उतार-चढ़ाव का लाभ उठा सकते हैं।