Harami Candlestick Chart Pattern Full Detail in Hindi

नमस्कार दोस्तों आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हम जानेगें बुलिश और बेयरिश हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न के बारे में की बुलिश और बारिश हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न क्या होता है और इस  कैंडलस्टिक पैटर्न पे ट्रेड कब ले | इसीलिए बने रहिये हमारे ब्लॉग पर | 

हरामी कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न (Harami Candlestick Chart Pattern) क्या है?

हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न डबल कैंडलस्टिक पैटर्न का ही एक प्रकार है यह कैंडलस्टिक पैटर्न दो कैंडल से मिलकर बना होता है | हरामी कैंडलस्टिक पेटन को गर्भवती माँ(Pregnant Mother) के नाम से भी जाना जाता है क्योकि हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न की पहली कैंडल बड़ी होती है और दूसरी कैंडल छोटी होती है दूसरी कैंडल पहली कैंडल में पूरा समा जाती है इतनी छोटी होती है | यह Engulfing Candlestick Pattern के उल्टा होता है |


बुलिश हरामी कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न (Bulish Harami Candlestick Chart Pattern) क्या है ?

किसी स्टॉक या इंडेक्स के शेयर चार्ट के बॉटम पे अगर कोई ऐसी कैंडल बनती दिखाई देती है जो दो कैंडल से मिलकर बनी होती है जिसकी पहली कैंडल लाल और बड़ी सी हो और दूसरी कैंडल हरी व छोटी हो दूसरी कैंडल पहली कैंडल में पूरी समा जाए तो इस कैंडल को बुलिश हरामी कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न कहते है |


बुलिश हरामी कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न एक ट्रैंड रिवर्सल पैटर्न है अगर यह किसी स्टॉक या इंडेक्स या करेंसी के शेयर प्राइस में चल रहे डाउन-ट्रैंड के बॉटम पे या सपोर्ट लेवल के आस-पास बनता है तो यह मार्केट का ट्रैंड रिवर्स कर देता है मतलब मार्किट को डाउन-ट्रैंड से उप-ट्रैंड में बदल देता है  | अगर बुलिश हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न चार्ट के टॉप या सेंटर में बनता है तब यह बुलिश हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न नहीं कहलाता | हरामी कैंडलस्टिक की पहली कैंडल मदर कैंडल कहा जाता  है और दूसरी कैंडल बेबी कैंडल कैंडल भी कहा जाता है 


बुलिश हरामी कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न (Bulish Harami Candlestick Chart Pattern) की पहचान कैसे करे ? 

बुलिश हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न की पहचान करने के लिए मुख्य कुछ बातो को ध्यान में रखना होगा | 


•बुलिश हरामी दो कैंडल से मिलकर बना होना चाहिए | 

•बुलिश हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न चार्ट के बॉटम या सपोर्ट लेवल के आस-पास बना हो | 

•बुलिश हरामी कैंडल की पहली कैंडल लाल और लम्बी होनी चाहिए | 

•दूसरी कैंडल हरी और छोटी होनी चाहिए 

•दूसरी कैंडल पहली कैंडल में पूरी समा जानी चाहिए | मतलब  दूसरी कैंडल पहली कैंडल के 50%  से ज्यादा बड़ी नहीं होनी चाहिए | 


बुलिश हरामी कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न (Bulish Harami Candlestick Chart Pattern)बनने के पीछे का मनोविज्ञान ?

जब किसी स्टॉक के शेयर प्राइस लगातार डाउन-ट्रैंड में ट्रेन करता है तो जब उस स्टॉक का प्राइस किसी सपोर्ट  के आस-पास आ जाता है तब सपोर्ट लेवल पे या डाउन-ट्रैंड पे एक लम्बी लाल कैंडल बनती  है जिससे जिन्होंने भी उस स्टॉक के शेयर होल्ड करे होते है तब सेलर्स को लगता है की मार्किट अभी और नीचे जायएगा उस समय बायर्स अचानक से  स्टॉक के शेयर्स बाय करने लगते है जिससे स्टॉक के शेयर अधिक बिक्री (Oversold) हो जाते है उसी प्राइस पर जिससे गैप-उप कैंडल मार्केट में बनती है हरे रंग की जो बुलिशनेस को दर्शाता है फिर जैसे ही अगली कैंडल लाल कैंडल के हाई(high) को ब्रेक करती है तो मार्केट में बड़ी मात्रा में बायिंग देखने को मिलती है जिससे उस स्टॉक के शेयर प्राइस में बढ़ोतरी होती है |

  

बुलिश हरामी कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न (Bulish Harami Candlestick Chart Pattern) पे ट्रैड कब ले ?

बुलिश हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न पे ट्रेड लेने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातो को ध्यान में रखना होगा | एक उदाहरण से समझते है | 



1) बुलिश हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न बॉटम या सपोर्ट लेवल के आस-पास बना हो | 

2) एक ऐसी कैंडल जो लाल कैंडल  हाई(high) को ब्रेक करके कैंडल की क्लोजिंग करे | 

3) तब मार्केट एंट्री(Entry) कर लेनी है | 

4) स्टॉप-लॉस लाल वाली कैंडल के लौ(low) का होगा 

5) बुलिश हरामी कैंडल पे ट्रेड लेने के लिए कन्फोर्मेशन कैंडल का इंतजार करना बहुत जरुजी है | 

6) बुलिश हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न पे 1*2  का टारगेट आपको आराम से मिलेगा इसलिए मार्केट में पैनिक नहीं होना है धिरे -धिरे मार्केट आपके टारगेट तक पहुंचेगा|

7) अगर मार्केट किसी रेजिस्टेंस लेवल के आस-पास पहुंच जाता है तो अपना प्रॉफिट बुक करना जरुरी है  क्योकि उस रेजिस्टेंस से मार्केट रिजेक्शन लेगा जिससे आपका पूरा प्रॉफिट लॉस में बदल सकता  है | 


बेयरिश  हरामी कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न (Bearish Harami Candlestick Chart Pattern) क्या है ?

किसी स्टॉक या इंडेक्स के शेयर चार्ट के टॉप पे अगर कोई ऐसी कैंडल बनती दिखाई देती है जो दो कैंडल से मिलकर बनी होती है जिसकी पहली कैंडल हरी और बड़ी सी हो और दूसरी कैंडल लाल व छोटी हो दूसरी कैंडल पहली कैंडल में पूरी समा जाए तो इस कैंडल को बेयरिश हरामी कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न कहते है |

बेयरिश हरामी कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न एक ट्रैंड रिवर्सल पैटर्न है अगर यह किसी स्टॉक या इंडेक्स या करेंसी के शेयर प्राइस में चल रहे उप-ट्रैंड के टॉप पे या रेजिस्टेंस लेवल के आस-पास बनता है तो यह मार्केट का ट्रैंड रिवर्स कर देता है मतलब मार्किट को उप-ट्रैंड से डाउन-ट्रैंड में बदल देता है | अगर बेयरिश हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न चार्ट के बॉटम या सेंटर में बनता है तब यह बेयरिश हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न नहीं कहलाता |

बेयरिश हरामी कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न (Bearish Harami Candlestick Chart Pattern) की पहचान कैसे करे ?

बेयरिश हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न की पहचान करने के लिए मुख्य कुछ बातो को ध्यान में रखना होगा | 

•बेयरिश हरामी दो कैंडल से मिलकर बना होना चाहिए | 

•बेयरिश हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न चार्ट के टॉप या रेजिस्टेंस लेवल के आस-पास बना हो | 

•बेयरिश हरामी कैंडल की पहली कैंडल हरी और लम्बी होनी चाहिए | 

•दूसरी कैंडल लाल और छोटी होनी चाहिए 

•दूसरी कैंडल पहली कैंडल में पूरी समा जानी चाहिए | मतलब  दूसरी कैंडल पहली कैंडल के 50%  से ज्यादा बड़ी नहीं होनी चाहिए |

 

बेयरिश हरामी कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न (Bearish Harami Candlestick Chart Pattern)बनने के पीछे का मनोविज्ञान ?

जब किसी स्टॉक के शेयर प्राइस लगातार उप-ट्रैंड में ट्रेन करता है तो जब उस स्टॉक का प्राइस किसी रेजिस्टेंस  के आस-पास आ जाता है तब रेजिस्टेंस लेवल पे या उप-ट्रैंड पे एक लम्बी हरी कैंडल बनती  है जिससे जिन्होंने भी उस स्टॉक के शेयर होल्ड करे होते है तब बायर्स को लगता है की मार्किट अभी और ऊपर  जायएगा उस समय सेलर्स अचानक से  स्टॉक के शेयर्स सेल करने लगते है  उसी प्राइस पर जिससे गैप-उप कैंडल मार्केट में बनती है लाल रंग की जो बेयरिश को दर्शाता है फिर जैसे ही अगली कैंडल हरी  कैंडल के हाई(high) को ब्रेक करती है तो मार्केट में बड़ी मात्रा में सेल्लिंग देखने को मिलती है जिससे उस स्टॉक के शेयर प्राइस में जिरावत देखने को मिलती है |


बेयरिश हरामी कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न (Bearish Harami Candlestick Chart Pattern) पे ट्रैड कब ले ?

बेयरिश हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न पे ट्रेड लेने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातो को ध्यान में रखना होगा | एक उदाहरण से समझते है | 

1) बेयरिश हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न टॉप या रेजिस्टेंस लेवल के आस-पास बना हो | 

2) एक ऐसी कैंडल जो हरे कैंडल  हाई(high) को ब्रेक करके कैंडल की क्लोजिंग करे | 

3) तब मार्केट एंट्री(Entry) कर लेनी है | 

4) स्टॉप-लॉस हरे वाली कैंडल के लौ(low) का होगा 

5) बेयरिश हरामी कैंडल पे ट्रेड लेने के लिए कन्फोर्मेशन कैंडल का इंतजार करना बहुत जरुजी है | 

6) बेयरिश हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न पे 1*2  का टारगेट आपको आराम से मिलेगा इसलिए मार्केट में पैनिक नहीं होना है धिरे -धिरे मार्केट आपके टारगेट तक पहुंचेगा  | 

7) अगर मार्केट जिरते-जिरते किसी सपोर्ट लेवल के आस-पास पहुंच जाता है तो अपना प्रॉफिट बुक करना जरुरी है  क्योकि उस सपोर्ट से मार्केट रिजेक्शन  लेगा जिससे आपका पूरा प्रॉफिट लॉस में बदल सकता  है | 


निष्कर्ष 

तो दोस्तों आज के इस ब्लॉग पोस्ट में जानना की बुलिश और बारिश कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न के बारे में और इन दोनों कैंडलस्टिक पैटर्न के बारे में विस्तार पूर्वक समझा | ऐसे ही और कैंडलस्टिक पैटर्न के बारे में जानने के लिए हमारे इन ब्लॉग पोस्ट को भी बढ़े जिससे आपकी लर्निंग स्किल और इम्प्रूव होगी और आप मार्केट में प्रॉफिटेबल ट्रेडर बन पाएंगे |  

इसे भी पढ़े;- 




एक टिप्पणी भेजें

1 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.