नमस्कार दोस्तों आज के इस लेख में हम जानने वाले है Bearish Engulfing Candlestick Pattern के बारे में की बेयरिश एंगुलफ़ींग कैंडलस्टिक पैटर्न क्या है और इस कैंडल की विशेषता भी जानने और भी बहुत कुछ इस कैंडल के बारे में जानेगें इसीलिए बने रहिये हमारे Navakhabar.in पर
Bearish Engulfing Candlestick Pattern क्या है ?
किसी भी स्टॉक, इंडेक्स या करेंसी के शेयर प्राइस चल रहे उप-ट्रैंड के टॉप पे या किसी रेजिस्टेंस लेवल केआस-पास अगर कोई ऐसे कैंडल बनती दिखाई देती है जो दो कैंडल से मिलकर बनी हो जिसकी पहली कैंडल हरी हो और दूसरी कैंडल लाल हो लाल वाली कैंडल हरी कैंडल को अपने अंदर पूरा समा सके इतनी बड़ी लाल वाली कैंडल हो तब इस कैंडलस्टिक पैटर्न को Bearish Engulfing Candlestick Pattern कहते है |
यह डबल कैंडलस्टिक पैटर्न का ही एक प्रकार है मतलब यह डबल कैंडलस्टिक पैटर्न के अंतर्गत आता है जो की दो कैंडल से मिलकर बना होता है | Bearish Engulfing Candlestick Pattern एक बेयरिश कैंडलस्टिक पैटर्न के जो मार्केट में मंदी को दर्शाता है | इस कैंडल का गठन सही तरीके से होना बहुत जरुरी है इसकी पहली कैंडल हरी रंग की होनी चाहिए और दूसरी कैंडल लाल रंग की होनी चाहिए और हरी वाली कैंडल लाल वाली कैंडल के अंदर पूरी समा जानी चाहिए इतनी बड़ी लाल वाली कैंडल होनी चाहिए | Bulish Engulfing Candlestick Pattern in hindi
Bearish Engulfing Candlestick Pattern की विशेषताए
• यह एक बेयरिश कैंडलस्टिक पैटर्न है जो मार्केट में मंदी का संकेत देता है |
• बेयरिश एंगुलफ़ींग कैंडलस्टिक पैटर्न का निर्माण दो कैंडल से मिलकर होता है |
• बेयरिश एंगुलफ़ींग कैंडल का फार्मेशन सही रंग में होना चाहिए |
• पहली हरी कैंडल और दूसरी लाल कैंडल होनी चाहिए |
• बेयरिश एंगुलफ़ींग की हरी वाली कैंडल लाल वाली कैंडल के अंदर पूरी समा सके इतनी बड़ी लाल वाली कैंडल होनी चाहिए मतलब हरी वाली कैंडल का हाई छाया(Shadow) लाल वाली कैंडल के हाई छाया को ब्रेक नहीं करनी चाहिए और लौ छाया को भी ब्रेक नहीं करनी चाहिए |
• यह कैंडल उप-ट्रैंड के टॉप पे या रेजिस्टेंस लेवल का आस-पास बना होना चाहिए |
Bearish Engulfing Candlestick Pattern उदाहरण
Bearish Engulfing Candlestick Pattern का मनोविज्ञान
जब किसी स्टॉक,इंडेक्स या करेंसी का शेयर प्राइस लगातार उप-ट्रैंड में ट्रैड कर रहा होता है तब लोगो को यह लगता है की यह स्टॉक का शेयर प्राइस अभी बहुत ऊपर जाएगा जिससे ट्रेडर उस स्टॉक के शेयर को ख़रीदते रहते है | ऐसे में जब उस स्टॉक का शेयर प्राइस किसी रेजिस्टेंस लेवल के पास आ जाता है तब उस जगह एक हरी कैंडल का निर्माण होता है जो की रेजिस्टेंस लेवल को ब्रेक नहीं करती जिससे ट्रेडर उस स्टॉक को और ज्यादा खरीदने लगते है |
जिससे अगली कैंडल गैप-उप ओपन होती है यही सेलर्स को एक शक्तिशाली रेजिस्टेंस दिखता है जिससे बड़े सेलर्स वह शेयर की अधिक मात्रा में बिकवाली करने लगते है जिससे एक बड़ी सी लाल रंग की कैंडल का निर्माण होता है जो हरी वाली कैंडल को अपने अंदर पूरा समा सकती है इतनी बड़ी लाल वाली कैंडल होती है | इन दोनों कैंडल्स को Bearish Engulfing Candlestick Pattern बोलते है इस कैंडल के बनने के बाद स्टॉक के शेयर प्राइस में गिरावट देखने को मिलती है यह गिरावट तब तक देखने को मिलती है जब तक उस स्टॉक के शेयर प्राइस किसी शक्तिशाली सपोर्ट लेवल के आस-पास नहीं आ जाता या उस स्टॉक के ऊपर कोई अच्छी खबर नहीं आ जाती |
Bearish Engulfing Candlestick Pattern पे ट्रेड कब ले?
बेयरिश एंगुलफ़ींग कैंडल पे ट्रैड करने के लिए मार्केट के उप-ट्रैंड के टॉप पे या रेजिस्टेंस लेवल के आस-पास Bearish Engulfing Candlestick Pattern बना होना चाहिए और इसकी अगली कैंडल कन्फोर्मशन कैंडल जो है वह कैंडल बेयरिश एंगुलफ़ींग कैंडल के लौ छाया को ब्रेक करके कैंडल की क्लोजिंग करनी चाहिए | तभी यह कैंडल शक्तिशाली कैंडल बनेगी |
Bearish Engulfing Entry
मार्केट एंट्री तब करनी है जब बेयरिश एंगुलफ़ींग कैंडल की अगली कैंडल बेयरिश एंगुलफ़ींग कैंडल के लौ छाया को ब्रेक करके कैंडल की क्लोजिंग करे |
Bearish Engulfing Stop-loss
बेयरिश एंगुलफ़ींग कैंडल के हाई छाया के ढोड़ा ऊपर का स्टॉप-लॉस रखेंगे क्योकि कभी कबार मार्केट रिट्रेसमेंट लेता है जिससे जिनने भी बेयरिश एंगुलफ़ींग कैंडल के बिच का स्टॉप-लॉस लगाया होता है उनका स्टॉप-लॉस हिट करके मार्केट निचे चला जाता है |
Bearish Engulfing Target
यह कैंडल एक शक्तिशाली कैंडल होती है जो की आराम से 100 से 200 पॉइंट या इससे भी ज्यादा पॉइंट का टारगेट मिल जाता है | बस मार्केट में धैर्य बना के रखना होता है | सपोर्ट लेवल के आस-पास का टारगेट रखेंगे |
Bearish Engulfing Candlestick Pattern पे कब ट्रेड नहीं ले?
• बेयरिश एंगुलफ़ींग कैंडल का रंग और आकार सही फार्मेशन में होना चाहिए |
• जब मार्केट डाउन-ट्रैंड में चल रहा हो या किसी सपोर्ट लेवल पे बना हो तब Bearish Engulfing Candlestick Pattern पे ट्रैड नहीं लेना चाहिए |
• कन्फोर्मेशन कैंडल के बनने से पहले ट्रैंड नहीं लेना है |
• Bearish Engulfing Candle का high और low छाया सदैव छोटे ही होता है | अगर चार्ट के रेजिस्टेंस लेवल पे कोई ऐसी कैंडल बनती दिखाई देती है जिसकी लौ छाया बहुत बड़ी हो और high छाया भी बहुत बड़ी हो तब ट्रैड नहीं लेना है |
• Bearish Engulfing Candlestick Pattern की अगली कैंडल अगर Bearish Engulfing के लौव को ब्रेक न करे तब ट्रैड नहीं लेना चाहिए |
Bearish Engulfing and Bullish Engulfing Candlestick Pattern के बीच अंतर
"बुलिश एंगलफिंग" और "बेयरिश एंगलफिंग" कैंडलस्टिक पैटर्न्स तकनीकी विश्लेषण के महत्वपूर्ण हिस्से हैं, जो बाजार के संभावित ट्रेंड रिवर्सल को संकेतित करते हैं।
"बुलिश एंगलफिंग" एक रिवर्सल पैटर्न है जो एक डाउनट्रेंड के दौरान बनता है। इसमें दो कैंडल्स शामिल होती हैं: पहली कैंडल छोटी और लाल (बेयरिश) होती है, जबकि दूसरी कैंडल बड़ी और हरी (बुलिश) होती है, जो पूरी तरह से पहली कैंडल की बॉडी को ढक लेती है। यह पैटर्न दर्शाता है कि बिकवाली की दबाव में कमी आ रही है और संभावित रूप से बाजार में तेजी शुरू हो सकती है।
"बेयरिश एंगलफिंग" एक रिवर्सल पैटर्न है जो एक अपट्रेंड के दौरान बनता है। इसमें भी दो कैंडल्स होती हैं: पहली कैंडल बड़ी और हरी (बुलिश) होती है, जबकि दूसरी कैंडल छोटी और लाल (बेयरिश) होती है, जो पूरी तरह से पहली कैंडल की बॉडी को ढक लेती है। यह पैटर्न दिखाता है कि खरीदारी का दबाव कम हो रहा है और एक संभावित गिरावट की संभावना हो सकती है।
इन पैटर्न्स को समझकर और उनके संकेतों पर ध्यान देकर निवेशक बेहतर ट्रेडिंग निर्णय ले सकते हैं, जिससे वे बाजार के उतार-चढ़ाव का लाभ उठा सकते हैं।