Piercing line Candlestick Pattern की पूरी जानकारी हिंदी में | और करे प्रॉफिट

नमस्कार दोस्तों इस लेख में हम  जानने वाले है iercing line Candlestick Pattern के बारे में की पियर्सिंग पियर्सिंग लाइन कैंडलस्टिक पैटर्न क्या है और यह कैंडल की साइकोलोग्य क्या है और भी बहुत जननेंगे इस लेख में इसीलिए बने रहिए हमारे इस लेख में 


Piercing line Candlestick Pattern in Hindi 

Piercing line Candlestick Pattern का अर्थ "भेदी रेखा कैंडलस्टिक पैटर्न" होता है | यह एक बुलिश कैंडलस्टिक पैटर्न है जो डाउन-ट्रैंड के बॉटम पे या किसी सपोर्ट लेवल के आस-पास बनता है | जिससे बाजार का ट्रैंड रिवर्स हो जाता है बाजार डाउन-ट्रैंड से उप-ट्रैंड में चलने लगता है | इस कैंडल की संरचना दो कैंडल्स से मिलकर होती है | 


Piercing line candlestick pattern kya hai 

पियर्सिंग लाइन कैंडल यह एक डबल  कैंडलस्टिक पैटर्न है जो की दो कैंडल्स का बना होता है |यह डबल कैंडलस्टिक पैटर्न का ही एक प्रकार है | Piercing Line Candlestick Pattern एक बुलिश रिवर्सल कैंडलस्टिक पैटर्न है जो की बाजार में तेजी को दर्शाता है ,बाजार में चल रहे डाउन-ट्रैंड को उप-ट्रैंड में बदलने की शक्ति रखता है |

Piercing line Candlestick Pattern kya hai

यह कैंडलस्टिक पैटर्न पैटर्न दो कैंडल्स का बना होता है जिसमे इसकी पहली कैंडल बेयरिश होती है तथा दूसरी कैंडल बुलिश कैंडल होती है | पियर्सिंग लाइन कैंडलस्टिक पैटर्न डाउन-ट्रैंड के बॉटम पे बनता है या किसी सपोर्ट लेवल  आस-पास बनता है | पियर्सिंग लाइन कैंडल में बुलिश कैंडल की बॉडी बेयरिश कैंडल से थोड़ा नीचे बनती है| 

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Piercing line candlestick pattern ki visheshata

1) Piercing line Candlestick Pattern Formation:

पहली कैंडल:- पियर्सिंग लाइन  कैंडलस्टिक पैटर्न की पहली कैंडल लाल कैंडल होती है जो की एक बेयरिश कैंडल है जिसकी बॉडी बड़ी होती है तथा विक छोटी होती है | जो की यह दर्शाता है की मार्केट में सेलर, बायर्स पे हावी हो रहे है और मार्केट पे सेलर्स का कंट्रोल है | 

दूसरी कैंडल:- पियर्सिंग लाइन कैंडलस्टिक पैटर्न की दूसरी कैंडल हरे रंग की होती है जो की एक बुलिश कैंडल है जिसकी बॉडी बड़ी होती है तथा विक छोटी होती है और यह कैंडल लाल वाली कैंडल के थोड़ा नीचे बनती है जो की यह दर्शाती है की मार्केट में बायर्स , सेलर्स पे हावी हो रहे है और मार्केट धीरे- धीरे बायर्स के कंट्रोल में जा रहा है| 

2) इन दोनों कैंडल्स का लोवर प्राइस या लोवर विक समान नहीं होता | लाल वाली कैंडल का लोवर प्राइस हरी कैंडल से थोड़ा ऊपर होता है तथा हरी वाली कैंडल का हायर प्राइस लाल वाली कैंडल से थोड़ा नीचे होता है | 

3) पियर्सिंग लाइन कैंडल जब मार्केट में बनता है तब इसकी जो दूसरी कैंडल यानि  हरी वाली कैंडल का वॉल्यूम पहली वाली लाल वाली कैंडल से अधिक होना चाहिए तभी यह कैंडल मार्केट का ट्रैंड रिवर्स कर पाएगी | 


Piercing line Candlestick Pattern Ko Kaise Phchane? Udahran Se Smjhte Hai 

एक उदाहरण से समझते है की पियर्सिंग लाइन कैंडलस्टिक पैटर्न को लाइव मार्केट में कैसे पहचाने विस्तार पूर्वक समझेंगे |  

Piercing line Candlestick Pattern Ko Kaise Phchane? Udahran Se Smjhte Hai


• पियर्सिंग लाइन दो कैंडल्स का बना होता है जिसमे इसकी पहली कैंडल बुलिश कैंडल होती है और दूसरी बारिश कैंडल होती है | 

• यह एक बुलिश कैंडलस्टिक पैटर्न है और मार्केट आने वाली तेजी को दर्शाता है | 

• बाजार में चल रहे डाउन-ट्रैंड के दौरान इस कैंडल का गठन डाउन-ट्रैंड के बॉटम पे या किसी सपोर्ट लेवल आस-पास होता है | जैसे की आप इस फोटो में देख पा रहे होंगे की पियर्सिंग लाइन कैंडल डाउन-ट्रैंड के बॉटम में बनी है|

• पियर्सिंग लाइन कैंडल में बुलिश कैंडल की बॉडी बेयरिश कैंडल के मुकाबले थोड़ा नीचे बनती है और बेयरिश कैंडल का हाई बुलिश कैंडल के हाई से ऊपर होता है तथा बुलिश कैंडल का लौ प्राइस बेयरिश कैंडल के लौ प्राइस के थोड़ा नीचे  बना होता है | जैसा की आप इस फोटो में देख प् रहे होंगे |


Piercing line Candlestick Pattern Ke Bane Ke Piche Ki Psychology

जब किसी कम्पनी का शेयर प्राइस लगातार डाउन-ट्रैंड में ट्रैंड कर रहा होता है | जिसपे सेलर्स का पूरा कंट्रोल होता है ,सेलर्स लगातार उस कंपनी के शेयर की  बिकवाली करते रहते है | ऐसे में जब उस शेयर का प्राइस किसी सपोर्ट जोन में आ जाता है तब एक बेयरिश कैंडल का निर्माण होता है जो की यह दर्शाता की सेलर्स लगातार शेयर बिकवाली कर रहे होइ और मार्केट में सेलर्स का पूरा कंट्रोल है | 

photo 

तभी बेयरिश के अगली कैंडल गैप-डाउन ऑप्शन होती है क्योकि सेलर्स लगातार शेयर की बिकवाली कर रहे  है |  लेकिन उस सपोर्ट जोन पे बायर्स बैठे रहते रहते है जैसे ही अगली कैंडल गैप-डाउन ओपन होती है और अपना लौ बनाकर ऊपर जाने लगती है तब बड़े बायर्स उस शेयर की अधिक मात्रा खरीदने लगते है उसी प्राइस पर जिससे मार्केट में डिमांड बढ़ जाती है और सप्लाई कम हो जाती है जिससे एक बुलिश कैंडल का निर्माण होता है | इन दोनों कैंडल्स को पियर्सिंग लाइन कैंडलस्टिक पैटर्न कहते है | इस  कैंडलस्टिक पैटर्न के बनने के बाद बाजार का ट्रैंड रिवर्स हो जाता है बाजार डाउन-ट्रैंड से उप-ट्रैंड में ट्रैंड करने लगता है यही है Piercing line Candlestick Pattern Ke Bane Ke Piche Ki Psychology|


Piercing line Candlestick Pattern pr trade kb le? 

बाजार में पियर्सिंग लाइन कैंडलस्टिक पैटर्न के बने पर तुरंत ट्रैंड नहीं करना है इसकी अगली कैंडल कन्फोर्मशन कैंडल के बनने का इंतजार करना है | कन्फोर्मशन कैंडलके बनने के बाद यह देखना है की क्या कन्फोर्मशन कैंडल पियर्सिंग लाइन कैंडल के हाई को ब्रेक करके कैंडल की क्लोजिंग कर रही है तो यह एक अच्छा संकेत होता है ट्रेड लेने का | 

Piercing line Candlestick Pattern pr trade kb le?


लेकिन यहाँ पर भी ट्रेड नहीं लेना | कन्फोर्मशन कैंडल की अगली कैंडल अगर कन्फोमेशन कैंडल के हाई को ब्रेक करके कैंडल की क्लोजिंग करे तब हमे बाजार में अपनी एंट्री बनानी है | 


Piercing line Candlestick Pattern pr Target kahan set kre?

पियर्सिंग लाइन कैंडल पे ट्रेड लेने से पहले हमको स्टॉप-लोस्स और टारगेट का पता होना चाहिए की टारगेट  कितना होगा ? टारगेट अगले रेजिस्टेंस लेवल का रख सकते हो या अपने जितने पॉइंट का स्टॉप-लोस्स लगाया है उसका दुगना टारगेट रख सकते हो 

Piercing line Candlestick Pattern pr stop-loss kahan set kre?  

बाजार में एंट्री करे के बाद हमे अपना स्टॉप-लोस्स भी सेट करना होगा | लेकिन स्टॉप-लोस्स कहाँ सेट करना है यह किसी को नहीं पता स्टॉप-लोस्स पियर्सिंग लाइन कैंडलस्टिक पैटर्न के लोवर प्राइस के थोड़ा नीचे का होगा | 


piercing line candlestick pattern ki savdhaniya

पियर्सिंग लाइन कैंडल पे ट्रेड करते समय कुछ सावधानियाँ को ध्यान में रखना बहुत जरुरी है :-

1) पियर्सिंग लाइन कैंडलस्टिक पैटर्न दो कैंडल्स से बनी होती है पहली कैंडल बेयरिश तथा दूसरी बुलिश कैंडल होती है | 

2) पियर्सिंग लाइन कैंडलस्टिक पैटर्न की बुलिश कैंडल गैप-डाउन ओपन होती है | 

3) पियर्सिंग लाइन कैंडल का निर्माण सदैव डाउन-ट्रैंड के बॉटम पे या सपोर्ट लेवल पर होता है | 

4) पियर्सिंग लाइन कैंडल में बुलिश कैंडल की बॉडी बेयरिश कैंडल के थोड़ा नीचे बनती है | 

5) बेयरिश कैंडल का हाई बुलिश कैंडल के मुकाबले ऊपर होता है और बुलिश कैंडल का लौ बेयरिश कैंडल के लौ से थोड़ा नीचे होता है |  

6) यह एक ट्रैंड रिवर्सल कैंडलस्टिक पैटर्न है इसीलिए यह डाउन-ट्रैंड  के बॉटम पे बनता है |


निष्कर्ष 

आज के इस लेख में हमने जाना की पियर्सिंग लाइन कैंडलस्टिक पैटर्न क्या होता है और इस्पे  ट्रेड कैसे  करते है | सिर्फ पियर्सिंग लाइन कैंडलस्टिक पैटर्न के बारे में जान कर  ट्रेंडिग न करे पूरी नॉलेज होने के बाद ही ट्रेडिंग की शुरआत करे 

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