पिन बार कैंडल पैटर्न के बारे में जानने से पहले ऐसे ही ओर कैंडलस्टिक पैटर्न के बारे में जाने डार्क क्लाउड कवर , पियर्सिंग लाइन , ट्वीज़र बॉटम , ट्वीज़र टॉप ,बेयरिश एंगुलफ़ींग , बुलिश एंगुलफ़ींग , शूटिंग स्टार , इनवर्टेड हैमर , हैमर , बुलिश एंड बेयरिश हरामी , मरुभोजू ,हैंगिंग मैन , डोजी ताकि आप एक प्रॉफिटेबल ट्रेडर बन पाए |
दोस्तों इस लेख में हम जानने वाले है बुलिश पिन बार कैंडल पैटर्न के बारे में की बुलिश पिन बार कैंडलस्टिक पैटर्न क्या है और यह कैंडल की साइकोलोग्य क्या है और भी बहुत जननेंगे इस लेख में इसीलिए बने रहिए हमारे इस लेख में
Pin Bar Candlestick Pattern in Hindi
इस कैंडलस्टिक पैटर्न का अर्थ पिन के आकार सी बनी कैंडल से है जिसे Pin Bar Candlestick Pattern कहते है | यह कैंडलस्टिक पैटर्न सिंगल कैंडलस्टिक पैटर्न के श्रेढ़ी में आता है जो की एक कैंडल का बना होता है | यह एक ट्रैंड रिवर्सल कैंडलस्टिक पैटर्न है जो बाजार का ट्रैंड रिवर्स कर देता है |पिन बार कैंडल का निर्माण उप-ट्रैंड के टॉप पे या डाउन-ट्रैंड के बॉटम पे या सपोर्ट-रेसिस्टैंट के आस-पास होता है ,जिससे यह कैंडल बाजार का ट्रैंड रिवर्स कर देती है |
पिन बार कैंडलस्टिक पैटर्न दो प्रकार के होते है जिसमे इसकी पहली बुलिश पिन बार कैंडलस्टिक पैटर्न होती है जिसका निर्माण डाउन-ट्रैंड के दौरान डाउन-ट्रैंड के बॉटम पे या सपोर्ट लेवल पर होता है और दूसरी बेयरिश पिन बार कैंडलस्टिक पैटर्न होती है जिसका निर्माण उप-ट्रैंड के दौरान उप-ट्रैंड के टॉप पे या रेजिस्टेंस लेवल पर होता है|
Pin Bar Candlestick Pattern कितने प्रकार के होते है ?
इस कैंडलस्टिक पैटर्न के दो प्रकार होते है |
1) Bulish Pin Bar Candlestick pattern
2) Bearish Pin Bar Candlestick pattern
Bulish Pin Bar Candle kya hai :-
बुलिश पिन बार कैंडल एक सिंगल कैंडलस्टिक पैटर्न है जो की एक कैंडल का बना होता है | Bulish Pin Bar Candle Pattern एक बुलिश रिवर्सल कैंडलस्टिक पैटर्न है जो बाजार में तेजी को दर्शाता है |इस कैंडलस्टिक पैटर्न का निर्माण डाउन-ट्रैंड के बॉटम पे या सपोर्ट लेवल के आस-पास होता है जिससे बाजार का ट्रैंड रिवर्स हो जाता है |बाजार डाउन-ट्रैंड से उप-ट्रैड में ट्रैंड करने लगता है | बुलिश पिन बार कैंडल की बॉडी छोटी होती है और हाई शैडो भी छोटी होती है लेकिन वही लोअर शैडो लम्बी होती है और इस कैंडल का रंग हरा होता है ,जो की इसे बुलिश ट्रैंड रिवर्सल कैंडलस्टिक पैटर्न बनती है |
Bearish Pin Bar Candle kya hai :-
बेयरिश पिन बार कैंडल एक सिंगल कैंडलस्टिक पैटर्न है जो की एक कैंडल का बना होता है | Bearish Pin Bar Candle Pattern एक बेयरिश रिवर्सल कैंडलस्टिक पैटर्न है जो बाजार में मंदी को दर्शाता है | इस कैंडलस्टिक पैटर्न का निर्माण उप-ट्रैंड के टॉप पे या रेजिस्टेंस लेवल के आस-पास होता है जिससे बाजार का ट्रैंड रिवर्स हो जाता है | बाजार उप-ट्रैंड से डाउन-ट्रैड में ट्रैंड करने लगता है | बेयरिश पिन बार कैंडल की बॉडी छोटी होती है और लौ शैडो भी छोटी होती है लेकिन वही हायर शैडो लम्बी होती है और इस कैंडल का रंग लाल होता है ,जो की इसे बेयरिश ट्रैंड रिवर्सल कैंडलस्टिक पैटर्न बनती है |
Pin Bar Candle की विशेषतायें
अगर पिन बार कैंडलस्टिक पैटर्न डाउन-ट्रैंड के बॉटम पे बनी होगी तब इस कैंडल की हाई विक छोटी होगी और लोअर विक लम्बी होगी | लेकिन वही अगर यह कैंडल पैटर्न उप-ट्रैंड के टॉप पे बनी होगी तब इस कैंडल की लौ विक छोटी होगी और हायर विक लम्बी होगी |
2) Pin Bar Candle Color :- इस कैंडल का रंग क्या होता है वह भी इस चीज पे निर्बर करता है की यह कैंडलस्टिक पैटर्न कहाँ पर बनी है अगर पिन बार कैंडल डाउन- ट्रैंड के बॉटम पे या सपोर्ट लेवल पर बनी है तो इसका रंग हरा होगा | अगर वही यह उप-ट्रैंड के टॉप पे या रेजिस्टेंस लेवल परबनी होगी तब इसका रंग लाल होगा |
3) Pin Bar Candle Reversal Signal:- पिन बार कैंडलस्टिक पैटर्न एक ट्रैंड रिवर्सल सिगनल होता है | इसके रिवर्सल को पहचानने के लिए अगर पिन बार कैंडल पैटर्न का निर्माण डाउन-ट्रैंड के बॉटम पे या सपोर्ट लेवल पर होता है तो यह एक बुलिश रिवर्सल का संकेत देती है | लेकिन वही अगर यह उप-ट्रैंड के टॉप पे या रेजिस्टेंस लेवल पर बनती है तब यह बेयरिश रिवर्सल का संकेत देती है |
Pin Bar Candlestick Pattern example
Pin Bar Candlestick Pattern के बनने के पीछे की साइकोलॉजी
Bulish Pin Bar Candle Pattern :-
जब मार्केट डाउन-ट्रैंड में ट्रैंड कर रहा होता है तो डाउन-ट्रैंड के बॉटम पे सपोर्ट लेवल के आस-पास Bulish Pin Bar Candle Pattern का निर्माण होता है इसके पीछे की साइकोलोग्य यह तो है की मार्केट में सेलर्स शेयर की लगातार बिकवाली करते है जिससे मार्केट में सप्लाई बढ़ जाती है और डिमांड कम हो जाती है जिससे मार्केट का शेयर प्राइस लगातार गिरता चला जाता है | ऐसे में जब शेयर प्राइस एक ऐसे सपोर्ट लेवल पर आ जाता है जहां पर बायर्स बैठे रहते है ऐसे में सपोर्ट लेवल पर एक ऎसी कैंडल बनती है जिसकी बॉडी छोटी होती है और लोअर शैडो लम्बी होती है यह कैंडल मार्केट में बायर्स की एंट्री को दर्शाती है जहाँ बायर्स शेयर की बड़ी मात्रा में खरीदारी करते है जिससे मार्केट में डिमांड बढ़ जाती है और सप्लाई कम हो जाती है और बायर्स ,सेलर्स पर हावी होने लगते है | जिससे मार्केट उप-ट्रैंड में ट्रैंड करने लगता है |
Bearish Pin Bar Candle Pattern :-
जब मार्केट उप-ट्रैंड में ट्रैंड कर रहा होता है तो उप-ट्रैंड के टॉप पे रेजिस्टेंस लेवल के आस-पास Bearish Pin Bar Candle Pattern का निर्माण होता है इसके पीछे की साइकोलोग्य यह तो है की मार्केट में बायर्स शेयर की लगातार खरीदारी करते है जिससे मार्केट में डिमांड बढ़ जाती है और सप्लाई कम हो जाती है जिससे मार्केट का शेयर प्राइस लगातार बढ़ता चला जाता है | ऐसे में जब शेयर प्राइस एक ऐसे रेजिस्टेंस लेवल पर आ जाता है जहां पर सेलर्स बैठे रहते है ऐसे में रेजिस्टेंस लेवल पर एक ऎसी कैंडल बनती है जिसकी बॉडी छोटी होती है और हायर शैडो लम्बी होती है यह कैंडल मार्केट में सेलर्स की एंट्री को दर्शाती है जहाँ सेलर्स शेयर की बड़ी मात्रा में बिकवाली करते है जिससे मार्केट में सप्लाई बढ़ जाती है और डिमांड कम हो जाती है और सेलर्स ,बायर्स पर हावी होने लगते है | जिससे मार्केट डाउन-ट्रैंड में ट्रैंड करने लगता है |
Pin Bar Candlestick Pattern पर ट्रेड कब ले?
पिन बार कैंडल पे ट्रैड करने के लिए बाजार में पिन बार कैंडल निर्माण सही आकार और सही ट्रैंड में होना चाहिए | पिन बार कैंडल की अगली कैंडल कन्फोर्मशन कैंडल के बनने का इंतजार करना है | कन्फोमशन कैंडल के बनने के बाद यह देखना है की कन्फोर्मशन कैंडल पिन कैंडल को ब्रेक करके कैंडल की क्लोजिंग कर रही है की नहीं | अगर कर रही है तो ट्रैड लेने का यह सही समय है | नहीं कर रही तो ट्रैड लेना का सही समय नहीं है |
Pin Bar Candlestick Pattern पर टारगेट कहाँ सेट करे ?
टारगेट सेट करने के लिए बाजार में यह देखना की बाजार का अगला सपोर्ट या रेजिस्टेंस लेवल कहाँ पर है जहाँ से बाजार ट्रैंड को रिवर्स कर सकती है वहां का टारगेट लेके चलना है और अपना रिस्क तो रिवॉर्ड रेश्यो भी देकना है |
Pin Bar Candlestick Pattern पर स्टॉप-लोस्स कहाँ सेट करे ?
स्टॉप-लोस्स सेट करने के लिए पिन बार कैंडल की सहायता लेंगे | अगर पिन बार कैंडल डाउन-ट्रैंड के बॉटम पे बानी है तो पिन बार कैंडल के लौ विकके थोड़ा निक का स्टॉप-लोस्स सेट करेंगे और अगर पिन बार कैंडल उप-ट्रैंड के टॉप पे बानी है तो पिन बार कैंडल के हाई विक के थोड़ा ऊपरका स्टॉप-लोस्स सेट करेंगे जिससे अगर बाजार रिवर्सल भी ले तो हमारा स्टॉप-लोस्स हिट न हो |
Pin Bar Candlestick Pattern की सावधानिया
1) पिन बार कैंडल एक कैंडल की बनी होती है | इस कैंडलस्टिक पैटर्न का निर्माण सही फार्मेशन और सही आकर में होना चाहिए बाजार के ट्रैंड के मुताबिक तभी यह पिन बार कैंडलस्टिक पैटर्न कहलाएगी |
2) पिन बार कैंडल की बॉडी छोटी होती है तथा विक लम्बी होती है अगर चार्ट पे कोई ऐसी कैंडल बनती दिखाई देती है जिसकी बॉडी बड़ी हो और विक छोटी हो तब यह पिन बार कैंडलस्टिक पैटर्न नहीं कहलाएगी |
3) इस कैंडल का निर्माण डाउन-ट्रैंड के बॉटम या सपोर्ट लेवल पर होता है और उप-ट्रैंड के टॉप पे या रेजिस्टेंस लेवल पर होता है अगर चार्ट पर ऐसी कैंडल कहीं बिच में बने तो यह पिन बार कैंडलस्टिक पैटर्न नहीं है |
निष्कर्ष